एक रात में 600 घरों के लोग अचानक गायब........

हेलो दोस्तों, आशा करता हूं कि आप सब लोग ठीक होंगे, आज की जो कहानी है वह भारत के राज्य राजस्थान मैं एक जिला पड़ता है जैसलमेर एवं जैसलमेर से 18 किलोमीटर दूर एक गांव पड़ता है कुलधरा l दरअसल मैं राजस्थान गया था भ्रमण के लिए तो वह किसी ने बताया कि यहां एक जगह है कुलधरा एवं यहां भारत से ही नहीं बाहर से भी लोग भ्रमण के लिए आते हैं मुझे पता चला और मैं भी निकल पड़ा कुलधरा के लिए, मैंने भी सोचा कि कुलधरा के बारे में सुना बहुत है आज देख भी लेते हैं मैंने पहले भी कुलधरा के बारे में किसी से सुना था कि उसको जो है हांटेड गांव कहा जाता है क्यों कहा जाता है यह कहानी है उससे पहले मैं आप लोगों को बताऊंगा जो मैंने वहां पर महसूस किया।

 तो मैं पहुंचा कुलधरा और वहां पर जब मैं पहुंचा तो वहां एक बहुत बड़ा एक दरवाजा था कुलधरा में घुसने से पहले तो उस दरवाजे को मैंने पार किया वहां एक टिकट भी लेना पड़ता है आपको अंदर जाने के लिए तो मैंने टिकट लिया और मैं अंदर प्रवेश कर गया मेरे साथ मेरे दो दोस्त और भी थे। हम तीनों अंदर घुस गए, और अंदर जाने के बाद हम तीनों जो वहां के जो टूटे-फूटे जो घर बने हुए थे उनको हम लोगों ने देखा कहीं ना कहीं एक छोटा सा डर भी था कि जो लोग कहते थे कि वहां पर भूत रहते हैं, उस गांव जो है वह शापित है तो यह चीजें भी दिमाग में थी लेकिन हां मैं इन सब चीजों को मानता नहीं हूं तो इतना कुछ भय नहीं था लेकिन तभी अचानक मुझे ऐसा लगा जैसे किसी की चलने की आवाज सुनाई दी क्योंकि हम तीनो दोस्त को थोड़ा अलग भी हो चुके थे साथ में हम बिल्कुल साथ में नहीं थे फासला था और ऐसा नहीं है कि वह किसी की चलने की आवाज सिर्फ मैंने ही सुनी हो दोस्त को यह बात बताई तो उसने कहा कि यह चीज तो उसने भी महसूस की थी चलने की आहट उसने भी सुनी थी लेकिन किसी को हमने वहां देखा नहीं और कुछ हमें ना तो वहां पर दिखाया महसूस किया सिर्फ हां यह जरूर लगा कि वहां कोई हमारे आसपास चल रहा था चलने की आहट हमें सुनाई जरूर दी थी उसके बाद हम लोग वहां से चले आए और हमने कुछ लोगों से भी पूछा कि क्या जो कुलधरा के बारे में जो कहानियां गढ़ी गई है क्या वह सच है लेकिन वहां के कुछ लोगों का कहना था कि हां यह सच है और बहुत से लोगों का कहना यह था कि नहीं कुछ भी सच नहीं है यह सिर्फ और सिर्फ एक अफवाह है यहां ऐसा कुछ नहीं है।
जो भी हो लेकिन मैं इन सब चीजों में यकीन नहीं रखता हूं शायद वह भी हमारा बहम ही रहा होगा जो हमें वहां लगा कि कोई चल रहा था
बरहाल  हम इसकी कहानी पर आते हैं कुलधरा का यह विलेज इसे खाली क्यों हो गया। ऐसा कहा जाता है कुलधरा विलेज को पालीवाल ब्राह्मण ने बसाया था। वहां सब लोग बड़े प्यार से रहते थे सब कुछ अच्छा चल रहा था एवं इन लोगों में बुद्धिमता की थी अपनी बुद्धिमता से यह लोग काफी अच्छा आमदनी भी कमाते थे और बात है वह 200 साल पुरानी है उस समय राजवंश होता था और वहां का जो राजा था उस उनका जो सेनापति था वह इन घरों से कुछ टैक्स लेता था एवं इस गांव में एक मंदिर था और इस मंदिर की जो देखभाल करता था विवेक पालीवाल ब्राह्मण ही था और उस पालीवाल ब्राह्मण की एक बेटी थी बहुत सुंदर थी, इस लड़की पर एक दिन राजा के सेनापति की नजर पड़ी जो कि इन लोगों से टैक्स वसूलता था। जब उस सेनापति ने इस लड़की को देखा तो उसकी नियत खराब हो गई और उसने उस लड़की को उठाने की भी कोशिश की लेकिन वह नाकामयाब रहा। तब उसने सभी गांव वासियों के लिए संदेशा भिजवाया कि उस लड़की को कल रात तक मेरे निवास पर भेज दे अन्यथा आप सब लोग अपने विनाश के लिए तैयार रहें। इस गांव के लोगों ने पंचायत में इस बात को रखा एवं यह निश्चय किया कि हम अपनी बेटी को सेनापति के यहां नहीं भेजेंगे एवं अपना विनाश भी नहीं होने देंगे इसलिए लोगों ने रातों-रात उस जगह को खाली करने के लिए सोचा पंचायत ने सब लोगों से कहा अपना अपना सारा कीमती सामान लेकर हम इस गांव से आज रात ही खाली कर जाएंगे इस तरह 600 घरों के लोगों ने एक रात में ही उस गांव को खाली कर दिया और जाते जाते उन ब्राह्मणों ने गांव पर श्राप लगा दिया और  कहा कि यहां हमारे जाने के बाद इस गांव में कोई भी नहीं रह पाएगा और जो रहने की कोशिश भी करेगा अपने प्राणों से हाथ धो बैठेगा।
जब सुबह हुई और सेनापति ने अपने आदमियों को उस गांव में भेजा तो वहां उन्हें कोई नहीं मिला घर में सारा सामान था लेकिन नहीं था तो वह था इंसान। सेनापति ने पुनः उस गांव को बसाने की कोशिश की लेकिन वह नाकामयाब रहा।
वहां से निकलने के बाद वह गांव वाले कहां गए यह किसी को मालूम नहीं है कुछ लोगों का कहना है जो लोग उस गांव से बाहर निकले बाद में बट गए कुछ आगरा की तरफ चले गए, कुछ दिल्ली की तरफ आकर बस गए, एवं कुछ मध्य प्रदेश की तरफ चले गए लेकिन इसके कोई पुख्ता तथ्य नहीं है। लेकिन उस गांव के लोगों ने एक लड़की की इज्जत बचाने के लिए जो किया वह किताबों के पन्नों में दर्ज करने लायक है ताकि आने वाली पीढ़ी जब ऐसी किताबों को पढ़ें तो उन लोगों को इंसानियत को कैसे निभाया जाता है यह समझ में आए।
तो दोस्तों आपको क्या लगता है इस कहानी में कितनी सत्यता है हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा

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